Friday, August 21, 2020

Operating system क्या है और इसका क्या use है |

 

Operating System क्या है और इसका क्या use है?


क्या आप जानते है की operating system क्या होता है(What is operating system in hindi)? अगर आपको इसके बारे मे कुछ नहीं पता तो आज का ये पोस्ट आप ही के लिए है तो जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ते रहिए आपको आपके सभी सवालो को जवाब मिल जाएगा |


operating system kya hota hai



जैसे की हम सब जानते है की एक इंसान है और इंसान बहुत सारे काम करता है इन सब कामो को करने के लिए इंसान अपने शरीर के अंगो का सहारा लेता है |

ठीक इसी तरह कम्प्युटर भी अपने कार्य को करने के लिए विभिन्न डिवाइसो तथा प्रोग्राम्स का सहारा लेता है, इन डिवाइसो तथा प्रोग्राम्स को संभालने के लिए एक विशेष कम्प्युटर प्रोग्राम होता है इस विशेष कम्प्युटर प्रोग्राम को Operating System कहते है |

जिस तरह इंसान के पास एक दिल होता है उसी तरह कम्प्युटर के पास भी एक दिल होता है जिसे Operating System कहते है यही कम्प्युटर मे जान फूंकता है बिना इस प्रोग्राम के कम्प्युटर एक खाली डब्बे के समान है |

जब भी आप कोई नया मोबाइल लेने जाते है तो वहाँ पर आपने सुना होगा Android और ios या फिर आप कभी नया कम्प्युटर या लैपटाप लेने जाते है तो वहाँ आपको Windows, Linux, Mac OS इन सब के बारे मे बताया जाता है तो ये सब नाम Operating System के है ये कई प्रकार का होता है इसलिए इसके अलग – अलग नाम है |

इन सब के बारे मे हर किसी को पता नहीं होता की OS क्या काम करता है मै आप सरल और आसान भाषा मे बताता हूँ की ये क्या काम करता है एक Operating System User यानि आप और Hardware के बीच एक प्रकार का interface बनाता है जिससे की आप कोई सॉफ्टवेर ओपन कर सकते है, photos और videos देख सकते है और भी बहुत सारे काम है जो आप कर सकते है और ये सब केवल Operating System की वजह से संभव हो पाता है |


ऑपरेटिंग सिस्टम क्या होता है(What is operating system in hindi)

ये एक ऐसा प्रोग्राम है जो दूसरे कम्प्युटर programs को चलाता है operating system को system software भी कहा जाता है क्यूंकी कम्प्युटर के सभी प्रोग्राम्स को यही manage करता है इसको शॉर्ट मे OS भी बोलते है |

operating system user यानि आप और कम्प्युटर के बीच एक तरह से संदेशों का आदान – प्रदान करता है जैसे की आप अपने कम्प्युटर मे कोई सॉफ्टवेर ओपन करना चाहते है तो जैसे ही आप उस पर क्लिक करेंगे तो OS कम्प्युटर को एक message भेजता है और इसके जवाब मे कम्प्युटर उस सॉफ्टवेर को ओपन कर देता है और यदि उसमे कोई दिक्कत आती है तो error शो कर देता है |

अब आपने सुना होगा की Android operating system अब आप सोचोगे की ये क्या है तो ये एक नाम है OS का इसके बहुत सारे नाम है चलिये मै आपको बताता हूँ |


Operating system के नाम

1. Google’s Android OS(os by google)

2. Linux operating system

3. Microsoft Windows operating system

4. DOS

5. Apple Mac OS

6. Apple iOS

ये सबसे ज़्यादा पोपुलर operating system है और सबसे ज़्यादा इस्तेमाल होते है |


Operating system के कार्य(function of operating system in hindi)

वैसे तो आपको पता ही होगा की कम्प्युटर कितने सारे काम कर सकता है, पर जब हम अपने कम्प्युटर को स्टार्ट करते है तो Operating system सबसे पहले ram मे लोड होता है इसके बाद वो द्ख्ता है की user को कौन – कौन से हार्डवेर चाहिए कम्प्युटर को इस्तेमाल करने के लिए फिर वो उन सब को Allocate करता है | चलिये Operating system के कार्यों के बारे मे विस्तार से जान लेते है |

 

> Computer का आविष्कार कैसे हुआ ?

 

#1 कम्प्युटर सिस्टम को सरल बनाता है |

User कम्प्युटर मे जो डाटा स्टोर करता है कम्प्युटर उसे Binary(0, 1) मे ही समझता है पर user के लिए Binary समझना और Binary मे ही कम्प्युटर को कमांड देना संभव नहीं है इसलिए user interface को user की ही भाषा मे तेयार किया जाता है और ये सुविधा सिर्फ OS मे ही मिलती है |

#2 Memory को manage करता है |

Memory को manage करने के मतलब है की primary और secondary memory को manage करना | मतलब मेमोरी मे बहुत सारे खांचे होते है जहां पर हम कुछ डाटा स्टोर कर सकते है और यहाँ पर हर खांचे का अपना एक एड्रैस होता है |

#3 Device को manage करता है |

अगर आप कम्प्युटर use करते है तो आपके कम्प्युटर मे driver का इस्तेमाल तो होता ही होगा जैसे की wifi driver, Bluetooth driver, sound driver और भी बहुत सारे है लेकिन क्या आपको पता है की driver कैसे काम करते है इन सबको भी Operating system ही manage करता है |

#4 Error बताता है |

अगर आपके सिस्टम मे कोई भी error होता है तो OS उन्हे detect करता है और आपको एक नोटिफ़िकेशन के द्वारा बता देता है की आपके सिस्टम मे ये error है |

#5 सरल माध्यम उपलब्ध करवाता है |

अगर आपने कभी DOS Operating system उसे किया है तो आपको पता होगा की इसे उसे करना कितना मुश्किल है ये ठीक वैसे ही है जैसे windows का Command Prompt अगर आपको कम्प्युटर मे कुछ भी करना होगा तो आपको उसे एक command देना होगा |

 लेकिन आधुनिक OS GUI(Graphical User Interface) पर आधारित है यानि आपको कम्प्युटर भी कोई भी काम करने के लिए कोई command देने की ज़रूरत नहीं है आपको बस क्लिक करना है |

 

File system क्या होता है | FAT32, NTFS और XFAT क्या है |

 

Operating system के प्रकार(Types of Operating system in hindi)

 

1. Batch operating system

पहले जमाने के जो कम्प्युटर होते थे वो बहुत ही slow होते थे उनकी खामियों को दूर करने के Batch operating system को लाया गया, अगर हम पहले जमाने के operating systems की बात करे तो उनमे बहुत ज़्यादा श्र्तुप टाइम लगता था |

Batch processing system का मेन फंकशन होता है की वो jobs को batch मे automatically ही execute कर देता है |


2. Multi user operating system

जैसा की आपको नाम से ही पता चल रहा होगा की multi यानि बहुत सारे इसका मतलब है की यह operating system एक समय मे बहुत सारे users को एक साथ काम करने की सुविधा प्रदान करता है |

3. Single user operating system

ये Multi user operating system के ठीक विपरीत है इसमे एक समय मे सिर्फ एक ही user काम कर सकता है इसलिए इसे Single user operating system कहते है |

4. Network operating system

इसे शॉर्ट मे NOS भी बोलते है जिसकी full form होती है Network operating system ये operating system ऐसे computers को अपनी services देता है जो Network से connected होते है |

5. Multi Tasking operating system

ये operating system user को एक समय मे अलग – अलग प्रोग्राम्स को रन करने की सुविधा प्रदान करता है जैसे की आप कम्प्युटर मे एक ही समय मे Music भी सुन सकते है और  Microsoft Word भी use कर सकते है |


> Computer मे ड्राइव का नाम C से क्यूँ शुरू होता है |

    A या B से क्यूँ नहीं होता है |

6. Real Time operating system

ये सबसे advance operating system है और ये user के input देते ही तुरंत उस पर प्रक्रिया करता है इसके उदाहरण है Windows और Mac operating system |

ये दो प्रकार का होता है |

1. Hard Real Time operating system

2. Soft Real Time operating system

 

अब मै आपको कुछ operating system के बारे मे बताने वाला हूँ |

Windows os क्या है(what is windows os)?

Windows एक बहुत ज़्यादा पोपुलर OS है और ये दुनिया मे सबसे ज़्यादा उसे होने वाला OS है इसे Microsoft द्वारा बनाया गया है | इसके उदाहरण है windows 10 तथा windows 8 |

Mac os क्या है(what is mac os)?

Mac भी एक बहुत ज़्यादा पोपुलर operating system है ये अपने parfomance तथा security के लिए बहुत ज़्यादा प्रसिद्ध है इसे Apple द्वारा बनाया गया है |

Kai os क्या है(what is kai os)?

Kai operating system बहुत ही कमाल का OS है india मे ये काफी ज़्यादा पोपुलर है | आपने JIO फोन के बारे मे तो सुना ही होगा ये एक keypad फोन है पर इसमे एक वो सारे features मिल जाते है जो की एक smartphone मे देखने को मिलते है ये फोन जिस OS पर काम करता है वो है Kai os |

Ransomeware Virus क्या है ?

Linux os क्या है(what is linux os)?

Linux भी एक बहुत popular operating system है और ये बहुत ज़्यादा usefull है अगर आपको hacking मे इंटरेस्ट है तो आपको पता होगा की इसका क्या उसे है | इसके उदाहरण है Ubuntu linux, kali linux और fedora linux |


काली लिनक्स क्या है और इसका क्या use है |


Android os क्या है(what is android os)?

आपने देखा होगा की smart phones की demand मार्केट मे बढ़ती जा रही है लेकिन क्या आपको पता है की इन phones मे कौन – सा operating system use होता है इन phones मे Android os use होता है ये operating system Google द्वारा बनाया गया है |

 

मुझे आशा है की अब आपको समझ आ गया होगा की operating system क्या होता है(What is operating system in hindi) और ये कितने प्रकार का होता है(Types of operating system in hindi) और इसके क्या काम है(function of operating system in hindi) |


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Saturday, August 8, 2020

Isaac Newton Biography हिन्दी मे |

 

Isaac Newton Biography हिन्दी मे

विज्ञान क्या है(what is science) ? और इसका क्या use है ये तो आप जानते ही होंगे, आज विज्ञान(science) ने हमारे बहुत से कामो को आसान बना दिया है इसकी वजह से जो काम घंटो मे होते थे उन्हे मिंटो मे किया जा सकता है ये मनुष्य के लिए एक वरदान साबित हुआ है और इसको सफल बनाने मे बहुत से वेज्ञानिकों(scientists) का योगदान है इनहि वेज्ञानिकों(scientists) मे से एक महान वेज्ञानिक थे Isaac Newton | इनहोने विज्ञान की सफलता मे बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया था |

आज के इस पोस्ट मे आप Isaac Newton का जीवन परिचय हिन्दी मे जान सकते है (Isaac Newton Biography in hindi) |

 

परिचय –

आइजक न्यूटन की जीवनी (Isaac Newton’s biography in hindi)


Isaac Newton image


Sir Isaac Newton इंग्लैंड के एक वेज्ञानिक थे जिनहोने गुरूत्वाकर्षण तथा गति के सुप्रसिद्ध नियमों की खोज की | ये एक महान वेज्ञानिक, एक महान गणितज्ञ, भौतिक वेज्ञानिक, ज्योतिष और दार्शनिक थे | इनहोने कई किताबें लिखी और उन्हे प्रकाशित करवाया Isaac Newton 1687 तक एक पुस्तक लिख चुके थे जिसे उन्होने फिलोसिफ़ी नेचुरेलिस प्रिंसिपिया मेथेमेटिका का नाम दिया | यह विज्ञान के इतिहास मे अपने – आप मे सबसे प्रभावशाली पुस्तक है, जो अधिकांश साहित्यिक यांत्रिकी के लिए आधारभूत कार्य के भूमिका निभाती है | यह पुस्तक Isaac Newton Principia के नाम से भी जानी जाती है |


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जन्म और प्रारम्भिक जीवन

Isaac Newton का जन्म इंग्लैंड के ग्रैंथम के निकट वूल्स्थोर्पे मे उस समय की तिथि के हिसाब से 4 जनवरी 1642 को हुआ था | इनके के जन्म के समय इंग्लैंड ने ग्रीगोरियन केलेंडर को नहीं अपनाया था इसलिए उनके जन्म की तिथि को क्रिसमस दिवस 25 दिसंबर 1642 के रूप मे दर्ज किया गया | विज्ञान के इतिहास मे वे सबसे मौलिक तथा सबसे प्रभावशाली सिद्धांतवादी के रूप मे जाने जाते है | वे एक निर्धन कृषक परिवार मे जन्मे थे लेकिन वह खेती के काम मे कुशल नहीं थे |

 

आइजक न्यूटन की शिक्षा(Isaac Newton Education)

12 वर्ष से 17 वर्ष की आयु तक उन्होने The Kings School, Grantham मे अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की(जहां पुस्तकालय की खिड़की पर उनके हस्ताक्षर आज भी देखे जाते है) | सन 1661 मे उन्हे शिक्षा ग्रहण करने के लिए Cambrij Univesity भेज दिया गया | वर्ष 1665 मे उन्होने सामान्यीकृत दिवपद प्रमेय की खोज की और इसी वर्ष Cambrij मे प्लेग फैल गया और न्यूटन को एक वर्ष की छुट्टी मिल गयी | कहा जाता है की इसी वर्ष उन पर सेब गिरने की घटना हुई थी जिससे उन्होने गुरूत्वाकर्षण के सिद्धान्त(Principal of Universel Gravitation) की खोज की |


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आइज़क न्यूटन का करियर (Isaac Newton’s career)

आइजक न्यूटन क्यूँ प्रसिद्ध थे(Why was famous the Isaac Newton) ? ये सवाल सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण है की आखिर इनके  प्रसिद्ध होने का क्या कारण था | अगर आप एक स्टूडेंट है तो आपने गुरूत्वाआकर्षण और गति के नियमों को ज़रूर पढ़ा होगा इनकी खोज Newton ने ही की थी | आइये इनके बारे मे थोड़ा विस्तार से जान लेते है |

 

आइज़क न्यूटन का सेब और गुरूत्वाकर्षण का नियम(Isaac Newton apple and gravitation law)

Newton अकसर खुद एक कहानी कहते थे की एक पेड़ से गिरते हुए सेब को देख कर वे गुरूत्वाआकर्षण के सिद्धान्त की खोज करने के लिए प्रेरित हुए |

John conduit जो टकसाल मे न्यूटन के सहयोगी थे और उनकी भतीजी के पति भी थे , ने इस घटना का वर्णन किया जब उन्होने Newton के जीवन के बारे मे लिखा :

1666 मे वे cambrij से फिर से सेवनिवृत्त हो गए और अपनी माँ के पास लिंकनशायर चले गए | जब वे एक बाग मे घूम रहे थे तब उन्हे एक विचार आया की गुरूत्व की शक्ति धरती से एक निश्चित दूरी तक सीमित नहीं है,(यह विचार उनके दिमाग़ मे पेड़ से गिरते हुए सेब को देख कर आया) लेकिन यह शक्ति उससे कहीं ज़्यादा आगे विस्तृत हो सकती थी जितना की पहले आमतौर पर सोचा जाता था उन्होने अपने आप से कहा की क्या ऐसा उतना ऊपर भी होगा जितना ऊपर चाँद है और यदि ऐसा है तो, यह उसकी गति को प्रभावित करेगा और संभवतया उसे उसकी कक्षा मे बनाए रखेगा वे जो गणना कर रहे थे उस तर्क का क्या प्रभाव हुआ |


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Isaac Newton के सामने सवाल गुरूत्व के अस्तित्व का नहीं था बल्कि यह था की ये बल इतना विस्तृत है की ये चाँद को अपनी कक्षा मे बनाए रखने के लिए उत्तरदायी है | न्यूटन ने दर्शाया की यदि बल दूरी के वर्ग व्यूत्क्रम मे होता है तो, तो चंद्रमा की कक्षीय अवधि की गणना की जा सकती है और अच्छा परिणाम प्राप्त हो सकता है | उन्होने अनुमान लगाया की यही बल अन्य कक्षीय गति के लिए जिम्मेदार है और इसलिए उन्होने इसे गुरूत्वाआकर्षण का सार्वत्रिक नियम का नाम दिया |

 

आइजक न्यूटन के गति के नियम(Isaac Newton’s motion law)

गति का प्रथम नियम(या जड़त्व का नियम)(1st law of motion) – वस्तु अपनी विरामावस्था अथवा सरल रेखा पर एक समान गति की अवस्था मे तब तक बनी रहती है, जब तक उस पर कोई असंतुलित बल कार्य न करे |

गति का दूसरा नियम(2nd law of motion)  – किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर वस्तु पर आरोपित असंतुलित बल के समानुपाती एवं बल की दिशा मे होती है |

गति का तीसरा नियम(third law of motion) – प्रत्येक वस्तु के समान एवं विपरीत प्रतिक्रिया होती है | ये दो विभिन्न वस्तुओं पर कार्य करती है |

इसके अलावा Isaac Newton Calculas(कलन) के खोजकर्ता भी है |


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1670 से 1672 तक न्यूटन ने प्रकाशिकी पर व्याख्यान दिया, इस अवधि के दौरान उन्होने अपवर्तन की खोज की उन्होने प्रदर्शित किया की एक प्रिज्म(prism) श्वेत प्रकाश को स्पेक्ट्रम मे वियोजित कर देता है, एक लेंस और एक दूसरा प्रिज्म बहुवर्णी स्पेक्ट्रम को संयोजित कर श्वेत प्रकाश का निर्माण करता है | इसलिए Isaac Newton Prism के नियम के भी खोजकर्ता है |

 

आइजक न्यूटन की किताबें(Isaac Newton books)

1 मेथड ऑफ फ्लाक्सियन्स(Mathod of flaksyans)

2 ऑफ नेचर ओब्वियस लॉस एंड प्रोसेसेज इन वेजिटेशन

3 डे मोटू कोपौरम इन जिरम

4 फिलोसिफ़ी नेचुरेलिस प्रिंसिपिया मेथेमेटिका

5 ओपटिक्स

6 टकसाल मे मास्टर के रूप मे रिपोर्टें

7 एरिथमेटिका यूनिवेर्सेलिस दी सिस्टम ऑफ द वर्ल्ड

8 ऑप्टिकल लेक्चर्स

9 द क्रोनोलोजी ऑफ एनशिएट किंगडेम्स

10 डेनियल पर प्रेक्षण और डी एपोक लिप्स ऑफ सेंट जॉन

 

आइजक न्यूटन के बारे मे और अधिक

Isaac Newton nationalityGermany

Isaac Newton school nameThe Kings School Grantham

Isaac Newton family

Mother name -  हन्न एस्क्फ़(Hanna Escaf)

Father name - आईजैक न्यूटन(Isaac Newton)

 

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Tuesday, July 14, 2020

Computer Programming Lenguage कैसे सीखें ?

C Programming Lenguage कैसे सीखे ?

 


Computer की फील्ड मे students की रूचि आज – कल बहुत बढ़ती जा रही है कोई कम्प्युटर मे hardware इंजीनियर बनना चाहता है कोई सॉफ्टवेर इंजीनियर बनना चाहता है और कोई hacker बनना चाहता है कोई programmer बनना चाहता है इनहि मे से एक बहुत पोपुलर कोर्स है C Programming Lenguage का जिसे बहुत से स्टूडेंट सीखना चाहते है क्यूंकी ये एक बेसिक Programming Lenguage है और इसे अच्छे से सीखने के बाद आप किसी Programming language को आसानी से सीख सकते है चाहे वो C++ हो, java हो या python हो आप आसनी से इन्हे सीख सकते है | लेकिन अब सवाल आता है की C language कैसे सीखें(how to learn C Lenguage in hindi) ? तो आज के इस पोस्ट मे मै आपको C Programming Lenguage अच्छे से सिखाने वाला हूँ तो जानने के लिए इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ते रहिए |

 

C Programming Lenguage के बारे मे जानने से पहले आपको ये पता होना चाहिए की ये क्या है और इसका क्या यूस है तो चलिए मै आपको बताता हूँ |



 

C Lenguage क्या है ?


C Programming Lenguage एक बेसिक प्रोग्रामिंग लेंगुएज है यानि अगर आपने इसको एक बार अच्छे सीख लिया और आपको  पता चल गया की प्रोग्राम कैसे बनाते है, कैसे Exicute करते है और प्रोग्राम को कैसे run करते है तो उसके बाद आप किसी भी प्रोग्रामिंग लेंगुएज चाहे वो C++ हो, java हो या python हो या कोई भी प्रोग्रामिंग लेंगुएज हो उसे आप आसानी से सीख सकते है आपको कोई दिक्कत नहीं आएगी लेकिन यहाँ आपको शुरुआत मे एक प्रोग्रामिंग लेंगुएज आना बहुत ही ज़रूरी है ताकि आपको पता चल सके की coding कैसे करते है और प्रोग्राम को कैसे रन करते है |



C language सीखने के लिए ये स्टेप्स फॉलो करें-

 

एक Software download करें


C language सीखने के बाद उसके code को लिखने और run करने के लिए आपको एक software की ज़रूरत होगी | इंटरनेट पर आपको बहुत से software मिल जाएँगे जिसमे आप C language का code लिख सकते हो लेकिन मै यहाँ आपको turbo C++ ही यूस करने के लिए कहूँगा इस सॉफ्टवेर को चलाना बहुत आसान है और ये एक beginner के लिए बिलकुल फिट है |

 

                            Download Turbo C/C++

 

 वैसे आप एक code editor भी यूस कर सकते है अगर आप code editor use करना चाहते है तो इस पोस्ट को पढ़ें Visual Studio Code मे C language का program कैसे run करें|

 

Syntax को समझें -


प्रोग्रामिंग लेंगुएज मे जो सबसे पहला टॉपिक आता है वो है Syntax | अब आप पोछूगे की ये Syntax क्या होता है तो मै आसान भाषा मे कहूँ या अपनी बात – चीत की भाषा मे कहूँ तो ये एक तरीका होता है की हाँ प्रोग्रामिंग लेंगुएज  को ऐसे लिखते है |

 जैसे की एक फॉर्मूला आता है maths प्रॉबलम को solve करने के लिए उसी तरह प्रोग्रामिंग लेंगुएज को लिखने का भी एक तरीका होता है जिसे syntax कहते है |

तो C language मे जो सबसे ऊपर की साइड आता है syntax मे वो है Header Files ये क्या होते है ये मे आपको आगे बता दूँगा फिलहाल जो आपको नीचे दिखाई दे रहा ही बस उसको ध्यान मे रखना है |


#include<stdio.h>

#include<conio.h>

 

इसके बाद syntax मे जो अगला टॉपिक आता है वो है Main Function, ये function बहुत ज़्यादा important है क्यूंकी इसी के अंदर सारा लिखा जाता है और इसके बिना हमारा code रन नहीं होता है | इस function को कैसे declare करते है वो नीचे दिया गया है |

Int main()

{

                    //code

}

main के आगे हमे एक Data Type लगाना होता है | Data Types क्या होते है ये आपको आगे समझ आ जाएगा | इसके बाद आपको दो Curly braces( { } ) लगाने होते है एक होता एक होता है ओपन और दूसरा होता है क्लोज़ | इन्हे लगाना बहुत ज़रूरी होता है क्यूंकी इनके अंदर ही हम code लिखते है या इनके बीच मे जो code लिखा जाता है वो ही execute होता है या कहें रन होता है इसलिए इन्हे लगाना बहुत ज़रूरी होता है |


Ransomeware Virus kya होता है ? इससे कैसे बचे|

 

तो ये एक syntax होता है C Lenguage मे कोई भी प्रोग्राम बनाने के लिए तो हो सकता है की यहाँ पर आपको syntax समझने मे कुछ दिक्कत आई हो लेकिन don’t worry आगे जब हम प्रकटिकल करेंगे इन सब चीजों का तो आपको अच्छे से समझ आ जाएगा | यहाँ पर आपको बस ये ध्यान मे रखना है की Syntax मे सबसे ऊपर दो हैडर फाइल्स आती है उसके बाद Main Function और फिर दो curly braces एक open और एक close |


Data Types और Variables को समझें


इन सब के बाद जो इंपोर्टेंट टॉपिक आता है C language मे वो है data types और variables | देखो ये आपको सीखना बहुत ज़रूरी है की data types और variables क्या होता है और इनका क्या यूस है | इन सब के बारे मे जानने के बाद ही आप एक प्रोग्राम बना सकते हो |


तो यहाँ पर data टाइप दो तरह के होते है एक होता है Primary data type और एक होता है Secondry data type | तो Primary data type मे आते है वो है int, char, float और double और जो secondry मे आते है  वो है Array, pointer, structure etc. |


1.    Primary Data Type

example - Int, char, float, double

2.   Secondry Data Type

example - Array, pointer, structure etc.

 

तो यहाँ पर हम basics की बात कर रहे है तो मै आपको यहाँ पर Primary Data Type के बारे मे बताने वाला हूँ जैसे की int हो गया float हो गया जिससे की आप एक छोटा मोटा प्रोग्राम बना सको तो अगर आपको एडवांस लेवेल पर जाना है तो वहाँ पर आप ये सीख सकते हो की Array क्या होता है Pointer क्या होता है |

 

Data types क्या होते है ?

 

अगर आपको कम्प्युटर की मेमोरी कुछ सेव करना है तो आप direct सेव नहीं कर सकते उसके लिए आपको पहले उस value का data टाइप declare करना होगा और उसका एक variable name भी declare करना होगा  तभी आप उस value को कम्प्युटर की मेमोरी मे सेव कर सकते है  उसके बाद उस मे आप जो भी value store करना चाहते है उसका जो भी टाइप है चाहे वो एक number value हो या string value हो तब आप उसे कम्प्युटर की मेमोरी मे स्टोर कर सकते है  |


                   Computer का आविष्कार कैसे हुआ |


For example मान लो आप कभी किसी school मे एड्मिशन लेने जाते हो तो वो वहाँ पर आप से पूछेगा की आप कोनसी क्लास पास करके आए हो किस क्लास मे जाना चाहते हो आपका नाम क्या है और वो आपसे बहुत सारी detail लेगा तभी वो आपको एड्मिशन देगा न वो डाइरैक्ट ये तो नहीं बोलेगा की हाँ आप इस school से पढ़ के आए हो और आप इस class मे बैठ जाओ ऐसा नहीं होता है एक rule होता है |


Same इसी तरह आपको C language मे भी किसी भी data को store करने के लिए पहले उसका data type declare करना होगा और उसका variable यानि उसका एक नाम declare करना बहुत ज़रूरी है तभी आप उसमे  किसी भी data को स्टोर करवा सकते है |


तो मै आशा करता हूँ की अब आपको समझ आ गया होगा की ये data type और variable क्या होते है | तो आइये अब हम इनके टाइप के बारे मे भी जान लेते है | वैसे तो data types बहुत सारे होते है पर मै यहाँ पर आपको चार basic data types के बारे मे बताने वाला हूँ जिनके बारे मे हर beginner को ज़रूर पता होना चाहिए |


Char data type :- char data type character value को store करता है जैसे की A, B, C और D | ये 1 byte की value को स्टोर करता है |


Int data type :-  int data type integer value को स्टोर करता है जैसे की हो गया 1, 2, 3, 4 etc. और ये 2 byte की value को store करता है |


Float data type :- float डाटा type point value को store करता है जैसे की 1.2, 2.2, 2.3 etc. और ये 4 byte की value को store करता है |


Double data type :- double data type सेम float की तरह होता है बस ये 8 byte की value को store करता है |


Data type को declare कैसे करते है ?

 

ऊपर मै आपको बता चुका हूँ की data type क्या है और ये कितने टाइप के होते है लेकिन अब सवाल आता है की data टाइप को प्रोग्राम के अंदर declare कैसे करते है | जैसे की एक प्रोग्रामिंग लेंगुएज को लिखने का तरीका यानि syntax होता है उसी तरह data type को declare करने का भी एक syntax होता है |


तो एक प्रोग्राम मे डाटा टाइप को declare करने के लिए आपको सबसे पहले उसका data type को लिखना होगा फिर उसका एक variable name लिखना होगा | variable name मे आप कुछ भी लिख सकते है जो आप उसे नाम देना चाहते है |


For example मान लीजिये की आप एक integer value को स्टोर करना चाहते है और आपने उसका नाम num रखा है तो इसके लिए आप उसे ऐसे declare करेंगे int num; |


यहाँ पर मैंने लास्ट मे semi colon( ; ) लगाया है  जब भी आप प्रोग्राम लिखे तो ये बात हमेशा ध्यान रखें की जिस लाइन को आप लिखते है उसके end मे हमेशा semi colon ज़रूर लगाएँ अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपके प्रोग्राम मे error आ जाएगा |


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यहाँ पर ये बात हमेशा ध्यान रखें की जब भी आप कोई variable name declare करें तो उसके बीच मे space ना छोड़े अगर आप ऐसा करते है तो आपको error शो हो जाएगा | फॉर example मान लीजिये आप अपने variable को नाम देना चाहते है myname तो आपको इसे ऐसे ही लिखना है न की ऐसे my name ये तरीका गलत है |


 I hope की अब आपको समझ आ गया होगा की एक program मे data type को कैसे declare कैसे करते है |

 

Functions और keyword को समझें

 

एक प्रोग्राम बनाते समय आपको बहुत सी चीजों को ध्यान मे रखना होता है जैसे की functions और keywords | यहाँ पर मे आपको कुछ बेसिक और मेन functions के बारे मे बताने वाला हूँ जो हर बार एक प्रोग्राम बनाने मे यूस होते है |


Printf :-  printf एक तरह का फंकशन होता है या फिर कहें एक keyword होता है जिसकी की मदद से हम किसी भी Character value, result, और output को स्क्रीन पर print करवा सकते है | इसका यूस user से input लेने के लिए भी किया जाता है |


Scanf :- इस function का यूस हम किसी भी Value को read या assign करने के लिए करते है यानि हमने printf function मे जो भी value input कारवाई उसको उसके variable name मे store करने के लिए हम scanf function का यूस करते है |

For example मान लीजिये आपने कोई variable name int num declare किया और printf की मदद से उसमे user से value input कारवाई अब उस वैल्यू को इस num मे store करने के लिए हमे scanf function का यूस करना होगा |


 scanf function को यूस करने के लिए हमे कुछ format specifires की ज़रूरत होती है ये एक तरह के keyword होता है |  तो आप नीचे इमेज मे देख सकते है की हम int को %d, char को %c, float को %f और string को %s से शो करते है |



Basic Format Specifires in C lenguage



clrscr() :- इस function का यूस पुराने result को delete करने के लिए किया जाता है यानि जब आपका प्रोग्राम एक बार run हो जाता है और जब आप  दूसरी बार उस प्रोग्राम को रन करोगे तो ये फंकशन पुराने रिज़ल्ट को डिलीट कर देगा और नए रिज़ल्ट को print करेगा | इसका यूस प्रोग्राम मे main function के बाद होता है | इसके आगे हमे एक data type भी declare करना होता है जैसे की int clrscr();


   Command Prompt के 5 basic commands


getch() :-  इस function का यूस स्क्रीन को होल्ड करने के लिए किया जाता है | इस फंकशन को प्रोग्राम मे सबसे लास्ट मे लगाते है |


Note :- अगर आप कोई code editor use करते है तो आप इस फंकशन को ignore कर सकते है पर अगर आप Turbo C++ या code block यूस करते है तो आपको इस function का यूस करना ही होगा |


तो अब आपको समझ आ गया होगा की C language मे functions और keywords क्या होते है |

 
अब एक बेसिक Hello World का प्रोग्राम बनाए –

 

अब आप C language का बेसिक अच्छी तरह से समझ चुका है तो अब एक Hello world का program बनाए | नीचे आप देख सकते है की कैसे एक Hello world का प्रोग्राम बनाते है |



C Lenguage Basic Hello World program

 

तो यहाँ पर सबसे आपको सबसे ऊपर मे दो header files लिखनी होती है जैसा की मैंने आपको पहले बताया था |


उसके बात आपको main function लगाना होता है और उसके आगे एक data type declare करना होता है |


 फिर दो curly braces लगाने होते है एक open और एक close इसके अंदर clrscr(); function लगाना होता है और इसके आगे भी एक data type declare करना होता है और बाद semi colon(;) लगाना होता है जो की बहुत ज़्यादा important है अगर आप इसे नहीं लगाएंगे तो program मे error आ जाएगा |


 अब हमें स्क्रीन पर hello world प्रिंट करना है तो इसके लिए हम printf function का यूस करेंगे इसके अंदर हम डबल cot मे Hello world लिखेंगे और line के end मे semi colon लगाएंगे |


 अब लास्ट मे हम getch(); function लगाएंगे |


अब हम प्रोग्राम को रन कर देंगे प्रोग्राम को रन करने के लिए ctrl + F9 दबाएँ अगर आप turbo C++ यूस कर रहे है अगर आप कोई कोड़ एडिटर यूस कर रहे है तो आपको पता होगा की प्रोग्राम को कैसे रन करना है |


अब आपको स्क्रीन पर Hello world लिखा हुआ आ जाएगा | तो इस तरह से आप C language के अंदर एक Hello world का प्रोग्राम बना सकते है |

 

अब दो number को जोड़ने का प्रोग्राम बनाए

 

अब आपको दो number को जोड़ने का प्रोग्राम बनाना है जिसमे हम दो number एंटर करेंगे और उसका sum करके दिखाएंगे | इस मे हम scanf() function का यूस करेंगे | तो नीचे आप देख सकते है की C language मे दो नंबर को जोड़ने का प्रोग्राम कैसे बनाते है |



adding two numbers program in C lenguage


तो यहाँ पर आपको कुछ चीज़ें पहले से समझ आ गयी होंगी हम बात करेंगे int num1 से ये एक variable है जैसा की मैंने आपको ऊपर बताया था की program की मे data type को कैसे declare करते है (how to declare data type in program) | तो ये आपको समझ आ गया होगा हमने यहाँ पर दो variable बनाए है एक है num1 और एक है num2 इनमे हम user से value input करवाएँगे और उसक sum करके रिज़ल्ट print करेंगे  |


तो यहाँ पर user से value इनपुट करवाने के लिए हम printf function का यूस करेंगे और उसमे एक messege डालेंगे please enter the first number :” |


अब जो value user के द्वारा input की जाएगी उसे num1 मे स्टोर करने के लिए हम scanf() function का use करेंगे |


इसमे हम सबसे पहले scanf() function लिखेंगे और इसके अंदर डबल कोट मे %d लिखेंगे आपको पता होगा की इसका use int के लिए होता है क्यूंकी यहाँ पर हम integer value इनपुट करवा रहे है इसके लिए हम %d का use करेंगे और डबल कोट के बाद कोमा(,) लगा कर स्पेस छोड़ कर लिखेंगे &num1 | अब हम printf मे जो भी वैल्यू इनपुट करेंगे वो num1 मे स्टोर हो जाएगी | किसी भी वैल्यू को उसके variable मे store करने के लिए scanf का use इसी तरह करते है |


ठीक इसी तरह हम num2 मे भी वैल्यू इनपुट करने के लिए यही code लिखेंगे | बस इसमे first जगह second और num1 की जगह num2 कर देंगे |


अब हम एक और variable बनाएगे जिसमे इन दोनों का sum store होगा int total = num1 + num2; |


 अब हमे result print करना है इसके लिए हम printf का use करेंगे इसमे हम डबल कोट मे लिखेंगे sum of two number is : %d” और इसके बाद कोमा लगाकर लिखेंगे total |


अब हम लास्ट मे getch(); लगा देंगे |


अब हमे प्रोग्राम को रन करना है जैसे ही प्रोग्रमा रन होगा ये वहाँ लिखा होगा please enter the first number : यहाँ पर आपको कोई भी नंबर एंटर कर देना है  और एंटर प्रैस कर देना है |


अब वहाँ लिखा आएगा please enter the second number : तो यहाँ पर आपको कोई भी नंबर एंटर कर देना है और एंटर प्रैस करना है |


 तो यहाँ पर आपको उन numbers का sum मिल जाएगा जो भी आपने एंटर किए होंगे |


तो इस तरह से आप C language के अंदर दो नंबर को जोड़ने का प्रोग्राम बना सकते है | इसी तरह से आप float data type के लिए भी प्रोग्राम बना सकते है बस आपको int की जगह float लिख देना है और %d की जगह %f लगा देना है तो आपको जो रिज़ल्ट है वो point value मे शो होगा |


I hope की अब आपको C language का basic अच्छे से समझ आ गया होगा | यहाँ पर मैंने आपको char data type का प्रोग्राम बनाकर नहीं दिखाया है अगर आप जानना चाहते है की char data type का प्रोग्राम कैसे बनाते है तो नीचे comment करके बताना मै इस पर ज़रूर पोस्ट लिखूंगा | C language मे इसके अलावा भी बहुत से टॉपिक होते है जैसे की if, else और for loop और भी बहुत सी चीज़ें है जिनहे हम आगे की posts मे बताएँगे |  


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