Sunday, May 17, 2020

Computer me drive ka name C se hi kyun shuru hota hai


कम्प्युटर मे ड्राइव का नाम C से ही क्यूँ शुरू होता है A या B से क्यूँ नहीं होता

दोस्तों अगर आप यूस करते हैं कम्प्युटर या फिर लैपटाप तो आपने कम्प्युटर मे C ड्राइव तो जरूर देखा होगा पर क्या आपने कभी सोचा है की ड्राइव का नाम हमेशा C से ही क्यूँ शुरू होता है A या B से क्यूँ नहीं होता | तो आज के इस पोस्ट मे आपको बताऊंगा की ड्राइव का नाम हमेशा C से ही क्यूँ शुरू होता है A या B से शुरू क्यूँ नहीं होता , तो आप इस पोस्ट को लास्ट तक पढ़ते रहिए |
दोस्तों जैसा की आप सब लोग जानते हैं की आप जब कोई नया कम्प्युटर सिस्टम लेते हैं और उसमे किसी भी तरह का विंडो इन्स्टाल करते हैं या फिर आप अलग से कोई हार्ड डिस्क लेते हैं और उसका पारटिशन करते हैं या फिर उसमे विंडो इन्स्टाल करते हैं तो वहाँ पे जो ड्राइव का नाम शुरू होता वो हमेशा C ही शुरू होता है  A या B से शुरू नहीं होता | तो आपने कभी सोचा है की ऐसा क्यूँ होता है तो चलिये मे आपको बताता हूँ |


दोस्तों शायद आप लोग नहीं जानते होंगे की पुराने समये मे जब हमे अपना कम्प्युटर स्टार्ट करना होता था तो हमे एक एक्सटेरनेल डिवाइस के जरूरत होती थी , जिसका नाम था फ्लॉपी डिस्क अगर आपके पास फ्लॉपी डिस्क है तो आप कम्प्युटर को चला सकते थे या फिर आपको कम्प्युटर के अंदर किसी तरह का डाटा स्टोर करना होता था तो वोह आप फ्लॉपी डिस्क के अंदर कर सकते थे | अगर आपके पास फ्लॉपी डिस्क नहीं है तो न तो आप कम्प्युटर को रन कर सकते थे और न ही आप उसके अंदर किसी भी तरह का डाटा स्टोर कर सकते थे | तो इस फ्लॉपी डिस्क को कम्प्युटर मे एज्क ड्राइव की तरह इस्तेमाल किया गया और ये सबसे पहला ड्राइव था इसलिए इस ड्राइव का नाम A रखा गया |




उसके बाद जैसे –जैसे टेक्नालजी आगे बढ़ती गयी एक दूसरे टाइप का फ्लॉपी डिस्क आया उसे भी कम्प्युटर सिस्टम मे एक ड्राइव की तरह यूस किया जाने लगा  | तो पहले वाले फ्लॉपी डिस्क नाम कम्प्युटर सिस्टम मे A ड्राइव रख दिया गया उसके बाद एक दूसरा ड्राइव आया यानि दूसरा फ्लॉपी डिस्क आया जिसे कम्प्युटर सिस्टम मे एक ड्राइव की तरह यूस किया जाने लगा और इसका नाम B ड्राइव रख दिया गया | इसलिए इन फ्लॉपी डिस्क नाम A और B रख दिया गया यानि जो डिस्क पहले आया था उसका नाम A ड्राइव और जो बाद मे आया उसका नाम B ड्राइव रख दिया गया |


तो इन फ्लॉपी डिस्क उस टाइम कम्प्युटर मे एक ड्राइव की तरह यूस किया जाता था लेकिन इन फ्लॉपी डिस्क मे कुछ खामिया थी , जैसे की आप इन फ्लॉपी डिस्क मे ज़्यादा डाटा को स्टोर नहीं कर सकते थे , इसके अलावा आप फ्लॉपी डिस्क मे जो भी डाटा स्टोर करते थे वो ज़्यादा सिक्कियोर नहीं होता था यानि आपका फ्लॉपी डिस्क कभी भी  खराब हो सकता था |



 तो फ्लॉपी डिस्क की इन्ही खामियो की वजह से एक नया ड्राइव सामने आया जिसे हम आज के समये मे हार्ड डिस्क या हार्ड ड्राइव कहते है | हार्ड डिस्क मे आप ज़्यादा से ज़्यादा डाटा को सेव कर सकते हैं और जो डाटा आप इसमे सेव करते है वो काफी हद तक सुरक्षित रहता है |अब इस ड्राइव को भी कम्प्युटर सिस्टम मे एक नाम देना होगा जिसका नाम C ड्राइव रखा गया | ऐसा इसलिए क्यूंकी A और B तो पहले ही फ्लॉपी डिस्क -1 और फ्लॉपी डिस्क -2 के लिए रिजर्व हो चुका है , तो वोह नाम आप इस ड्राइव को दे नहीं सकते तो A और B के बाद जो अगला अल्फबेट आता है वोह है C इसलिए इस ड्राइव का नाम C ड्राइव रखा गया यानि इसमे आप जो भी विंडो इन्स्टाल करोगे वोह हमेशा C ड्राइव मे ही इन्स्टाल होगी क्यूंकी A और B तो पहले ही फ्लॉपी डिस्क -1 और फ्लॉपी डिस्क -2 के लिए रिजर्व हो चुका है | लेकिन आजकल फ्लॉपी डिस्क का यूस बिलकुल भी नहीं किया जाता पर आज भी कम्प्युटर सिस्टम मे फ्लॉपी डिस्क के लिए जगह रिजर्व है |




तो इसलिए आप अपने कम्प्युटर या लैपटाप मे जो भी विंडो इन्स्टाल करते है वो हमेशा C ड्राइव मे ही इन्स्टाल होती है क्यूंकी A और B तो पहले ही फ्लॉपी डिस्क -1 और फ्लॉपी डिस्क -2 के लिए रिजर्व हो चुका है |लेकिन अगर आप सोच रहे हैं की आप अपने कम्प्युटर या लैपटाप सिस्टम मे किसी भी ड्राइव का नाम A और B नहीं रख सकते तो आप गलत सोच रहे है | अगर आप अपने कम्प्युटर या लैपटाप सिस्टम मे किसी भी ड्राइव का नाम A या B रखना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं |




तो मैं आशा करता हूँ की आपको समझ मे आ गया होगा की कम्प्युटर या लैपटाप मे ड्राइव का नाम C से ही क्यूँ शुरू होता है A या B ड्राइव से क्यूँ नहीं शुरू होता है और जो भी हम विंडो इन्स्टाल करते हैं वो हमेशा C ड्राइव मे ही क्यूँ इन्स्टाल होता  है | तो मै आशा करता हूँ की आप को इसके बारे मे जानकार अच्छा लगा होगा और कुछ जानने को मिला होगा तो मिलता हूँ मैं आपको एक और नए पोस्ट के साथ तब तक के लिए गुड बाए |  


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