Sunday, June 28, 2020

त्रिकोणमिती क्या है (What is Tringnometry) ?

त्रिकोणमिती क्या है(What is Tringnometry) ? इसका क्या यूस है |


What is tringnometry
 


तो फ़्रेंड्स आज हम बात करने वाले है त्रिकोणमित यानि TRINGNOMETRY के बारे मे की ये क्या है इसका क्या यूस है और इसका विकास कैसे हुआ किन-किन गणितज्ञों ने इसके विकास मे योगदान दिया और भी बहुत सारी बाते |

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 अगर आप एक  स्टूडेंट है आपने गणित मे कभी न कभी त्रिकोणमिती के बारे मे ज़रूर सुना होगा | कुछ स्टूडेंट्स को लगता है की त्रिकोणमिती एक बहुत ही कठिन टॉपिक है जिसे समझना बहुत मुश्किल है पर मे आपको बता दूँ की त्रिकोणमिती बहुत ज़्यादा ईज़ी टॉपिक है अगर एक बार आपने इसे अच्छे से समझ लिया तो आप त्रिकोणमिती के बड़े से बड़े सवालो को आसानी से चुटकियों मे हल कर सकोग बस आपको ज़रूरत होगी मन लगाकर इसके बारे मे समझने की |

 

 तो आज के इस पोस्ट मे हम त्रिकोणमिती के बारे बात करेंगे यहाँ मे आपको इसके बारे मे कुछ बेसिक जानकारी देने वाला हूँ की कैसे इसका विकास हुआ और किन – किन लोगों ने इसमे यागदान दिया |

 

 यहाँ पर मे आपको त्रिकोणमिती के प्रश्न हल करके नहीं बताने वाला हूँ, हाँ अगर आप जानना चाहते है की त्रिकोणमिती के प्रश्न कैसे हल करते है तो मे जल्दी ही इसके ऊपर पोस्ट लिखूंगा अगर आप जानना चाहते है तो अभी हमारे ब्लॉग को subscribe कर ले ताक जब भी मे कोई पोस्ट अपलोड करूँ तो आपको उसकी जानकारी ई – मेल द्वारा सबसे पहले मिल सके | तो चलिये अब जान लेते है की त्रिकोणमिती क्या है |

 

त्रिकोणमिती क्या है (what is tringnometry) ?

 

शब्द त्रिगोनोमेट्री की व्युत्पत्ति ग्रीक शब्दो ट्रिगोन तथा मेट्रोन से हुई है तथा इसका अर्थ त्रिभुज की भुजाओं को मापना होता है | इस विषय का विकास मूलत: त्रिभुजों से संबन्धित ज्यामितीय समस्याओं को हल करने के लिय किया गया था |

 

 इसका अध्ययन समुद्री यात्राओं के कप्तानों, सर्वेयरों, जिनहे नए भू – भागो का चित्र तेयार करना होता था तथा अभियन्ताओं आदि के द्वारा किया गया | वर्तमान में इसका उपयोग बहुत सारे छेत्रों जैसे विज्ञान, भूक्म्प्शास्त्र, विद्युतपरिपथ(सर्किट) के डिजाइन तेयार करने मे, अणु की अवस्था का वर्णन करने, समुद्र मे आने वाले ज्वार की ऊंचाई के विषय मे पूर्वानुमान लगाने मे, संगीत की लय(टोन) का विश्लेषण तथा अन्य दूसरे छेत्रों मे होता है |

 

अगर आपको त्रिकोणमिती के बारे मे थोड़ा सा ज्ञान है तो आपने sine” सहब्द के बारे मे ज़रूर सुना होगा तो आप सोचते होंगे की आखिर ये “sine” होता क्या है | शब्द sine सबसे पहला प्रयोग जिस रूप मे हम आज करते है उसका उल्लेख 500 ई॰ मे आर्यभट्ट द्वारा लिखित पुस्तक “आर्यभटीयम” मे मिलता है | आर्यभट्ट ने शब्द अर्ध – ज्या का प्रयोग अर्ध – जीवा के लिए किया था जिसने समय – अंतराल मे ज्या या जीवा का संछिप्त रूप ले लिया | जब पुस्तक “आर्यभटीयम” का अनुवाद अरबी भाषा मे किया गया, तब शब्द जीवा को यथावत रख लिया गया | शब्द जीवा को साइनस(sinus) रूप मे अनूदित किया गया जिसका अर्थ वक्र है जबकि अरबी रूपांतर को लैटिन मे अनूदित किया गया | इसके तुरंत बाद “sine” शब्द के रूप मे प्रयुक्त शब्द sinus” पूरे यौरोप मे गणितीय पाठों मे प्रयुक्त होने लगा | खगोलविद के एक अंग्रेज़ी प्रोफेसर एडमंड गुंटर(1581-1626) ने पहले – पहल संछिप्त संकेत sin का प्रयोग किया |

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शब्दों Cosine” और Tengent का उदगम बहुत बाद मे हुआ था | Cosine फलन का उदगम पूरक कोण के sine का अभिकलन करने को ध्यान मे रखकर किया गया था | आर्यभट्ट ने इसे कोटिज्या का नाम दिया था | नाम Cosinus का उदगम एडमंड गुंटर के साथ हुआ था सन 1674 मे एक अंग्रेज़ गणितज्ञ सर जोनास मूरे ने पहले – पहल संछिप्त संकेत ‘cos’ का प्रयोग् किया था |     

तो चलिये मे आपको त्रिकोणमिती के बारे मे कुछ बेसिक जानकारी देता हूँ जैसे की sin, cos, tan ये सब क्या है इनका क्या यूस है |

 

त्रिकोणमिती का परिचय(Introduction of Tringnometry)

 

त्रिकोणमिती क्या है ये मै आपको ऊपर अच्छी तरह से बता चुका हूँ अब आप सोच रहे होंगे की हमे ये तो पता चल गया की त्रिकोणमिती क्या है और इसका क्या यूस है लेकिन इसे यूस कैसे करते है तो चलिये मै आपको स्टेप बाई स्टेप समझाता हूँ |

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त्रिकोणमिती के बारे मे जानने से पहले आपको समकोण त्रिभुज के बारे मे पता होना चाहिए की ये क्या है ये कैसा होता है क्यूंकी समकोण त्रिभुज को ही त्रिकोणमिती का आधार माना जाता है यानि त्रिकोणमिती पूरी तरह से समकोण त्रिभुज पर आधारित है इसलिए आपको पहले समकोण त्रिभुज के बारे मे पता होना चाहिए | इसके बाद आपको एक और ज़रूरी चीज़ के बारे मे पता होना चाहिए जो है पाइथागोरस प्रमेय(Pythagoras Theorome) | तो आइए एक एक करके इन सब के बारे मे जान लेते है |

 

 

समकोण त्रिभुज क्या होता है(What is Rectangular triangle) ?

 

समकोण त्रिभुज एक प्रकार का त्रिभुज होता है जीसका एक 90 अंश(Degree) का होता है इसमे सबसे बड़ी भुजा को कर्ण(Hypotenius) कहते है और कर्ण 90 अंश के कोण के सामने वाली भुजा होती है जैसा की नीचे इमेज मे दिखाया गया है | इसकी बाकी दो भुजाए एक आधार(Base) और एक लंब(Height) होती है |

 

A rectangular triangle

  

 पाइथागोरस प्रमेय क्या है(What is Pythagoras Theorome)?

 

पाइथागोरस प्रमेय एक बहुत ही सिंपल और आसान टॉपिक है जिसे आप आसानी से समझ सकते है | इस प्रमेय के अनुसार किसी समकोण त्रिभुज मे कर्ण(Hypotenius) का वर्ग(Square) अन्य दो भुजाओ के वर्गों के के योग के बारबार होता है अर्थात –

 

(कर्ण)2 = (लंब)2 + (आधार)2 

 

इसका मतलब है की एक समकोण त्रिभुज मे कर्ण का वर्ग लंब तथा आधार के वर्ग के योग के बराबर होता है | उदाहरण के तोर पर मान लीजिये कर्ण = 5, लंब = 3 तथा आधार = 4 है तब इसमे पाइथागोरस प्रमेय लगाने पर

 

(कर्ण)2 = (लंब)2 + (आधार)2

(5)2 = (3)2 + (4)2

25 = 9 + 4

25 = 25

तो इससे ये पाइथागोरस प्रमेय सिद्ध होती है | मुझे आशा है की अब आप समझ गए होंगे की पाइथागोरस प्रमेय क्या है |

तो चलिये अब मे आपको त्रिकोणमिती के अनुपातों के बारे मे बताता हूँ |

 

 

त्रिकोणमिती अनुपात क्या होते है(What is Tringnometric Ratio) ?

 

 

आपने अक्सर देखा होगा की जब आप कोई त्रिकोणमिती का प्रश्न हल करते है तो उसमे sin और cos जैसे कुछ शब्द दिखाई देते है तो आप सोचते होंगे की ये क्या होता है | इनहि को त्रिकोणमिती अनुपात कहते है इसके अलावा और भी त्रिकोमिति अनुपात होते है जो नीचे दिये गए है |

1.            Sin

2.          Cos

3.         Tan

4.       Cot

5.       Sec

6.      Cosec

तो मै आशा करता हूँ की अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा की त्रिकोणमिती क्या है इसका क्या यूस है |

 

इसके अलावा भी त्रिकोणमिती मे बहुत सी चीजे होती है इसमे बहुत सारे सूत्र होते है सर्वसमिकाए होती है और भी बहुत चीजे जिनहे आप आगे जाकर सीखेंगे | अगर आप त्रिकोणमिती के बारे मे और अधिक जानना चाहते है तो मुझे कमेंट करके ज़रूर बताइएगा मै आपके पूछे गए टॉपिक पर जरू पोस्ट लिखूंगा |


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